सम्भाल प्रभु जी जीवन के हर पल में (2)
अभी तक हमको संम्भाला तूने,
आगे भी अगुवाई कर (2)
1. जैसे मुर्गी बच्चों को, पंखो तले छिपाती, (2)
तैसे ही तेरी छाया, शरणगाह है हमारा । (2)
2. वायदा यह तूने किया, छोडे न कभी मुझे,
खींचा है रुप मेरा, हाथों से है अपना ।
3. सनातन के यहोवा, तू ही हमारा गढ़ है,
तेरे वचन से हमारे जीवन में ज्योति आई।
4. है यीशु तेरा यह प्यार, वर्ण से है अपार,
हाथों से हाथ मिलाया आसमानी बाप से हमको ।