कितना हसीन वादा किया खुदावंद ने
जहाँ दो या तीन जमा हो
मैं हाजिर हूँ उनमें।
Verse 1:
तुझे अकेला ना छोडूं मैं
रूह अपनी भेजूँ (2)
तुझे अनाथ भी ना छोडूं
एक मददगार भेजूँ
यीशु के सिवा इस जग में
बात कही किसने
जहाँ दो या तीन जमा हो
मैं हाजिर हूँ उनमें।
Verse 2:
दस्तक वो देता है
चाहे हर दिल में आना (2)
भरता उसको रूह से अपनी
जिसने उसे जाना
जिसका बने है माली
वो कलिया लगे खिलने
जहाँ दो या तीन जमा हो
मैं हाजिर हूँ उनमें।
Verse 3:
रूहे पाक जो हाजिर है
कहे खुशामदीद (2)
इज्जत, दौलत, हशमत जिसकी
उसकी करे तमदीद
रूह के शोले बरसे जब फिर,
बदन लगे जलने
जहाँ दो या तीन जमा हो
मैं हाजिर हूँ उनमें।