हो जय जयकार जय जयकार करें ~ 2 1. वो है हमारा राजा राजा, दुःख संकट से बचाता बचाता ~ 2 हम पर अपनी करुणा करता और करता उपकार क्यों न उस पर तन मन वारें दें अपना अधिकार। हो जय जयकार जय जयकार करें ~ 2
2. स्वर्ग है उसका सिंहासन सिंहासन पृथ्वी बनी है आसन आसन ~ 2 आकाश (नभ) उसकी महिमा बताए, हस्तकला को दिखाए सारी पृथ्वी (सृष्टि) उसकी रचना उसका ही है प्रताप।
3. उस पर जिसका भरोसा भरोसा, वह तो कभी न गिरेगा गिरेगा (डिगेगा)। चाहे बीमारी, चाहे गरीबी, चाहे हो अकाल सब संकट से सब कष्टों से हो जाएगा पार।