ऐ दुनियां के लोगों ऊंची आवाज करो
गाओ खुशी के गीत उसका गुणगान करो
इबादत करो उसकी, इबादत करो
याद रखो के वही एक खुदा है,
हमको ये जीवन उसी ने दिया है
उस चारागाह से हम सब है आए,
हम दो सन्ना के हम गीत गायें
रब का तुम शुक्र करो ऊंची आवाज करो...
नामें खुदावंद कितना मुबारक,
मेरा खुदावंद कितना भला है
रहमत है उसकी सदियों पुरानी,
वफा का अजर से यही सिलसिला है
उस पर इमान धरो उसके धर आओ चलो
गाओ खुशी के गीत...
इबादत करो उसकी....