1. अपनो को तो इस दुनिया में सभी प्यार करते हैं दुश्मन को भी तुम प्यार करना मसीहा सिखाते हैं ~ (2)
2. इक गाल पर कोई जो मारे चाँटा दूसरा गाल भी देना ले जाये कोई इक मील जबरन दो मील तुम साथ जाना ~ (2)
3. अपनो को तो अपना सब कुछ सब लोग देते हैं दुश्मन पर भी सब कुछ लुटाना मसीहा सिखाते हैं ~ (2)
4. जो दे तुमको काँटे उनका, दामन फूलों से भर दो। प्रभु ने तुमको माफ किया तुम भी सबको माफ कर दो ~ (2)
5. अपनों को तो गुनाहों की माफी सब लोग देते हैं दुश्मन को भी माफ करना मसीहा सिखाते हैं। ~ (2)