ऐ हमारे बाप, तू जो आसमान में हैं तेरा नाम पाक माना जाए, तेरी बादशाहत आए।
1. जैसी तेरी मर्जी,
आसमान में पूरी होती।
वैसे ही तेरी मर्जी,
जगत में पूरी हो जाए।
2. रोज की रोटी हमारी,
आज हमको दे दे,
जीवन की रोटी तू है,
तू ही हमारा बल है।
3. जिस तरह हम अपने,
अपराधी को माफ करते,
उस तरह तू हमारे,
अपराधों को माफ कर दें।
4. हमें आजमाइशों में,
जाने तू न देना,
बल्कि बुराई से बचा,
अपनी राह पर चला।
5. क्योंकि आसमानी बादशाहत,
और कुव्वत व कुदरत,
ज़र ओ ज़मीन का जलाल है
हमेशा हमेशा तेरा
आमीन, आमीन, आमीन, आमीन