Verse 1:
आत्मा प्रभु का, प्रेमी आत्मा प्रभु का,
अभी तू आ जा हमारे बीच में,
अपनी आशीष उण्डेल… (2)
Verse 2:
दल दल के बीच में से,
दया से निकाला हमें…(2)
पाप हटाकर साफ कर दे,
अपनी सामर्थ से…(2)
Verse 3:
प्रभु के सीने में,
मैं सिर रखके आराम पाऊँ…(2)
प्यासा हूँ मैं तेरे प्रति,
प्यार दिला मुझे अब…(2)
Verse 4: आत्मा के वरदानों से, तृप्त कर ले मुझे…(2) जाग उठू मैं जलने पाऊँ, ज्योति चमका मुझमें…(2)
Verse 5:
जीवन दिया है तू ने,
जीवन दिलाऊँ मैं भी…(2)
जीवन जल की नदियाँ
मुझसे बहने पाए जग में…(2)