Verse 1:
आता हूँ सलीब के पास,
मैं हूँ अँधा ओ लाचार,
मेरी आँख है क्रूस पर खास,
हूँ नज़ात का तलबगार ।
Chorus:
क्रूस ही मेरी है पनाह,
क्रूस पर मेरी है निगाह,
बोलता हूँ मैं क्रूस की जय,
यीशु अब बचाता है।
Verse 2:
मैं आवारा बे-तस्कीन,
कामिल राहत पाता हूँ,
सुनता अब यह कौल शीरीन,
तुझको मैं बचाता हूँ।
Verse 3:
तुझे सब कुछ देता हूँ,
तुझे अपना करूँगा,
तेरी बख्शिश लेता हूँ,
तेरा ही मैं रहूँगा ।